पृष्ठम्:चतुर्वेदी संस्कृत-हिन्दी शब्दकोष.djvu/१३

विकिस्रोतः तः
एतत् पृष्ठम् अपरिष्कृतम् अस्ति

चतुर्वेदकोष | १२ अचरः, (पुं) गमनशक्तिहीन । स्थावर । ठहरा हुआ । पर्वत । पृथिवी । अचलः, (पुं.) स्थिर | दृढ़। पर्वत | कौल। शिव । अचलकीला, ( स्त्री. ) पृथिवी | भूमि | अचलज, ( पुं.) औषध विशेष । पर्वत से उत्पन्न वस्तु | अचिरप्रभा ( श्री. ) विद्युत् | बिजली अचिररोचिस्, ( स्त्री. ) वह वस्तु जिसकी प्रभा थोड़ी देर रहे । बिजुली । अचिरा, विशेष । (स्त्री.) जैनियों की एक मातृका- अचिरांशु, ( स्त्री. ) विद्युत् । बिजुली । अचिरात् ( श्र. ) शीघ्र । त्वरित । अविलम्बू । चिराभा, (स्त्री. ) बिजुली । अचेतन, (त्रि. ) चेतनाहीन, जय, व्यक्त । प्रधान, बेसमझ । ज्ञानहीन । अचेतस्, (त्रि.) विचारहीन | दुष्टचित्त । चचैतन्यम्, (त्रि.) चैतन्यरहित । ज्ञानशून्य । अच्छ, ( श्र.) सम्मुख, सामने से। - अच्छ, (त्रि.) स्वच्छ । साफ सुथरा, निर्मल । अच्छुभलः, ( पुं.) रीघ्र | भानु । अच्छत्र (पुं. ) राजाहीनदेश | धराजकदेश | अच्छावाक, (पुं. ) ऋत्विज् विशेष समि यज्ञ करानेवाला पुरोहित । अच्छन्दस् (त्रि.) वेदपाठ का अनधिकारी, जिसको वेद पढ़ने की आशा न हो, शुद्ध । · अचला ( स्त्री. ) पृथिवी । अचलाधिपः, ( पुं. ) हिमवान् पर्वत । पर्वतों श्रच्छिद्र १) चिद्रशून्य | दोषरहित का स्वामी । सम्पूर्ण वैदिक कर्म । वह वैदिककर्म जो श्रचलत्विष, (पुं.) स्थिरकान्ति । जिसकी कान्ति का कभी नाश न हो । कोइल | अचलद्विष, (पं.) पर्वतों का शत्रु | इन्द्र | इन्द्र ने पर्वतों के पक्ष काटे थे | इस कारण इन्द्र का नाम अचल द्विष् पढ़ा। अचलधतिः, ( स्त्री. ) छन्दविशेष | जिसके चार पाद होते हैं और प्रत्येक पाद में सोलह अक्षर होते हैं । अचलप्रतिष्ठः, (त्रि. ) अतिक्रान्त मर्यादा । समुद्र । श्रचलभ्राता, (पुं. ) एक बौद्धगणाधिप । वे अन्तिम जैनाचार्य के एकादश शिष्यों के अन्तर्गत हैं । अवलासप्तमी, (स्त्री.) आश्विन शुक्ल हीन न हो । की सप्तमी | इस दिन के किये हुए पुण्य अच्छद (त्रि.) निर्मल जलवाला सरोवर, कर्म अचल होते हैं इसकारण इसको अचला • सप्तम कहते हैं छोटा तालाब, इस नाम का एक सरोवर, जिसका वर्णन संस्कृत की कादम्बरी में कियागया है । अचापलम् ( न. ) चपलता का अभाव । अचाश्चल्य | अज अचिन्त्य, (त्रि. ) अविचारणीय वस्तु । श्रप रिच्छेद्यवस्तु | परब्रह्म । मन और बुद्धि के अगोचर वस्तु । 'अचिन्त्यात्मा, (पुं. ) सब भूतों का निर्माता । परमेश्वर । अचिर, (न. ) अल्प समय । थोड़ा काल । ( त्रि. ) थोड़े देर ठहरनेवाले पदार्थ । अचिरद्युति, ( स्त्री. ) बिजुली । जिसकी चमक थोड़ी देर रहे । अच्युतः, (पुं.) निर्विकार | त्रिष्णु | कृष्ण | वासुदेव । जो सदा स्थिर रहे। अविचल | पीपल । श्रच्युताग्रजः, (पुं.) बलदेव, इन्द्र | अच्युताङ्गज, ( पुं. ) कामदेव । अनङ्ग । कृष्ण | रुक्मिणीपुत्र । अच्युतात्मज, (पुं.) कामदेव । अनङ्ग । श्रच्युतावास, (पं.) अश्वस्थवृश्च | वटवृक्ष | कृष्ण के रहने का स्थान । अजः, (पुं. ). विष्णु | शिव | जीवात्मा । A