पृष्ठम्:चतुर्वेदी संस्कृत-हिन्दी शब्दकोष.djvu/१०

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अग्र -- चतुर्वेदीकोषं | ९ -- अङ्कु


अग्रसरः, ( त्रि. ) आगे चलने भाता । श्री अघायुः( त्रि- ) पापपूणें । जिसका जीवन
अप्रगामी पापमंय हो
,( पं ) अविवाहित । जिसकी श्री न | अघोरः( पं. ) शिव, महादेव, गिरिश,
हो । वानप्रस्थ । संन्यासी । ( त्रि- ) श्रभयानक, भयानक नहीं ।
अप्रहर, ( पं. ) सबसे प्रथम देनें योग्य वस्तु | अघोरा, ( स्त्री.) भाद्रमास के ष्णपक्ष की
उत्तमवस्तु ( त्रि. ) प्रथम प्रहण करने । चतुर्दशी, इस तिथि को शिवकी पूजा के
योग्य । सत्पुत्र । ब्राह्मण जाती है इस कारण इसका नाम अघोर
अग्रहायण, ( न.पं.) अत्र+हायन । मार्गशीर्षे पड़ा
मास । अगहन का महीना । अघोः, ( अ- ) सम्भोधनार्थक अव्यय ।
अग्रहायणी, (पी. ) अगहनमास की नैिंमा, | अखक य, ( पं.) प्रजापतिः पर्वत । मारने के
जिसमें उत्तम धान्य उत्पन्नडु । मृगशिरा अयोग्य
नक्षत्र के उदय के समय से धान्य उत्तम अन्या, स्त्री ) सरभेयी, गै, जो न मारी
होते हैं यह बात प्रसिद्ध है । जाय और न मारे ।
अप्रहार( पुं.) ब्रह्मचारी आदिको देने योग्य अत्रेय, (त्रि.) सँघने के अयोग्य । मध । मदिरा ।
पदार्थ । दान की हुई या कीजानेवाली वस्तु। | अङ्क, ( पं .) द्रश्य काव्य का एक भेद ।
अश्राः(त्रि.) मण करने के अयोग्य । चिह । युद्ध । संग्राम । भूषण । रूपक ।
शिवनिर्माल्य परमेश्वर इन्द्रिय
आदि । । / अंश । समीप । गोद । स्थान । प्रकरण ।
का अविषयः कटिप्रदेश । नाटक आदि का परिच्छेद ।
आप्रियः(पृ.) आगे हैंनेवासा । न भाई । रेखा । नव की संख्या ।
( त्रि.) श्रेष्ठ । उत्तम । अझतिः, (पृ.) अग्निहोत्री । अग्निहोत्र करने
अप्रिय, ( पं.) ज्येष्ठ सहोदर। यदा भाई । वाला । अग्नि । ब्रह्म । वायु ।
( त्रि.) प्रधान । अङ्कनम् ( न. ) संख्या का लिखना । चिह्न ।
अग्नीय, ईत्रि.) आगे होनेवाला । अप्रिय । ऑकना । चिद्द करने की सामग्री। मोहर ।
यूख्य अङ्कपालिका, ( जी. ) आलिङ्गन । गोद के
अप्रैगूः( पं.) अग्रेसर । आगे चलनेवाला। समीप । धाय । धात्री
अप्रगामी । मुखिया । अङ्कपाली, ( स्त्री. ) गोद । श्रद्द । उत्सङ्ग
अनेदिधिषुः, ( पं. )घनी का पति, विधया | उपमाता । धात्री । धाय ।
फा पति, जेठी महिन के ब्याह होने के प अङ्कस्, ( न. ) चिह । शरीर ।
हले यदि छोटी बहिन ब्याह दी आय | अङ्कितः, (त्रि. ) चिकित । याश्रित । चिह्न
तो वह अनेदिधिषु कही जाती है । किया गया । चित्रित । चित्र किया हुआ
अप्रैसर, ( त्रि- ) अप्रगामी, पुरोगामी, आगे | गिनाया । गया ।
अङ्ग्(पं.) बधिर । लोम । अत । भूमि
अनन्यः, ( त्रि- ) आगे होनेवाला । अग्रिम को फाड़कर निकलनेवाला नवीन उद्भिद ।
प्रधान ।(पृ.) महा भा । प्रतिष्ठित । तिनक
अघ, (न.) पाप । व्यसन । दुःख । द्वरित । | अञ्जरितः, ( वि. ) नीज की प्रमुस्थाथिशेष ।
अपराध । ( त्रि. ) पापी । अपराधी । जिस में अकर लभ हुआ हो सकत
अघमर्षणम्, ( त्रि.) पापनाशक मन्त्रवित् । अकर