पृष्ठम्:कादम्बरीकथासारः.pdf/१८७

विकिस्रोतः तः
एतत् पृष्ठम् अपरिष्कृतम् अस्ति

२२ सर्ग: लोकः संग: लोक ९८५. समं सखीभिः ... १२ ८ | १००° सा तथेति .... १ ५६ ९८६. सम्पूर्णनाभि .... ४ ५३ | १०१०. सा तापस ... ३ ३९ ९८७. सम्प्राप्ता स्नlतु ८ १४ | १०११. सादरं सहसोत्थाय ८ ३५ ८८८. सम्प्राप्य ... ५ १०३ | १०१२. सा दुष्कृतिं मे ९ १०५ ९८९. सम्पुटैः .. ५ ३७ | १०१३. सा दुःखहेतु.... १२ १५ ९९०. स राजचिहानि १२ ४५ | १०१५. सार्थ मया .. ७ ८८ ९९१. स राजाभिमुखो १ ३३ | १०१५. सायं संप्रेष्य.... ४ ४६ ९९२ . सरोजचषकान्तस्थं ७ ४८ | १०१६. सा रञ्जयन्नी. ..१२ ६ ९९३. सरो विगाश्च .... ६ ५८ १०१७. साहं पितृगृहे. .. ७ ४३ ९९४सविभ्रमान्विभ्रम ११ ३८ | १०१८. सिनंतर .. ४ ५६ ९९५. सर्वथा शप... ५ ४३ | १०१९. सिन्धुवेलेव ... ८ ३ ९९६ संधैषां रत्नजातानां १० ९३ | १०२०. सुगन्धपुष्पाणि ११ ३९ ९९७स शुष्मणां .... ११ ४५ | १०२१. सुगन्धि ... ८ ६७ ९९८. स सर्वमङ्गल .. ३ ६७ | १०२२. सुगन्थिनि .. ५. ५८ ९९९ . स सल्लकीं .. ११ २३ } १०२३. सुधांशुना । .. ३ . ७८ १०००. सहजप्रेम .. १० १२ १०२४. सुरासुरेन्द्र .. ६ ३२ १००१. सहसैव वने .. २ ३० | १०२५. सुवर्णपुरसीमान्त ६ ५७ १०२सह संवर्धनेन ५ १९ | १०२६. सोऽपश्यकन्यक १० २३ १००३. सहान्वया .. ११ ५४ | १०२७. सोऽयमादाय ३ २२ १००४. स हेमकूटं ... १२ १६ | १०२८. सऽयं शुककुलें २ ५६ १००५, संवत्सरत्रयेणैव ६ ३३ १०२९. सौभाग्यसम्पदः ७ ३७ १००६. संविदं तादृशं १० ७८ | १०३०, स्तनयुगमधु .. १ ३४ १००७. संक्षुद्य च .... ८ ६८ | १०३१. स्थित्वा ततः ... ५ ७८ १००८ . साङ्गकम्यं ... ३ १८ | १०३२. स्थित्वा मुहूर्ते... ८ १५