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२१ समें : श्लोकः सः श्लोकः | ९३९. आव्यैर्वचभिः.. १२३ ५७ ९६३. स तत्र तत्र .. ११ ६४ ९४०. श्रुत्वा तद्वचन ... ८ ७६ | ९६४. स तत्र वेगेन १२ १८ ९४१ श्रुत्वा रात्रिरिये ९ ७३ | ९६५. स तीरतरुशाखायां ६ ५९ ९४२. श्रुत्वा लोकोत्तरा १० ३६ | ९६६. स तु चित्ररथेनैव ७ ३४ ९४३. शृण्वन्निर्थ .... ६ २८ | ९६७. स तु मामवगागाय ८ १० ९४४. श्लथमूल .... ६ ६९| ९६८: स तु विद्या .... ५ २४ ९४५. आसावसिष्ट .... ८ ६९| ९६९, सतृष्ण इव .... ४ ६३ ९४६ . श्वासाश्च .... १२ २४ , ९७०. सपुत्रवदनांभोज १ ३४ ९४७, श्वसेऽस्ति .. ११ ५८ ९७१. सत्यमेवामुना ... १० ९५ ९४८. स इन्द्रायुधमारुष ६ ३६| ९७२. स निशम्य ९४९ स उन्मनाः .... १२ ५३ दयालु ... ३ १५ ९५०. स एकदा चारण ७ ८१ | ९७३, सन्तापतः क्षाममपि ११ १७ ९५१. सकर्दमा ... ३ ७० ॥ ९७४. सन्देशमेवं .. ११ ५९ ९५२. स किन्नरद्रुद्ध .. ११ १० | ९७५. सन्देशेनामुना ८ २४ ९५३. सखा ते मां ... ९ ७८ | ९७६. स पत्रलेखा ... १२ १७ ९५४. सखा दवीयान् १२ ३५| ९७७. स पत्रलेखां ... ११ २० ९५५. सरिख कादम्बरि १० ४१ | ९७८. समप्रगुण ... ३ ६९ ९५६. सखीजनस्य .. १० ८९ ॥ ९७९. समहावीतया ... १० १६ ९५७ सखी प्रतीकार १२ १४| ९८०. समतमङ्गलोपेतं ५ ८२ ९५८. सखे किमेतत्तव ७ ९९| ९८१. समस्तरक्षा .... ४ . ६१ ९५९. सखे विदितवृत्तान्तः८ ४९ | ९८२. समस्तलक्षणोपे • ५ ४२ ९६०. सखे सर्वमहं .... ८ ५० | ९८३. स मानसे ... ११ २६ ९६१. सच तां वाचमाकर्थ ४ ४४ |९८४. समुद्र इव ९६२. स तत्र चीनांशुक ११ ४८ गभीरः ८ ५३ औ = a